भागवत जी सभी भारतीयों का डीएनए एक नहीं है:मनोहर कुमार यादव

भागवत जी सभी भारतीयों का डीएनए

 एक नहीं है:मनोहर कुमार यादव


यदि सभी भारतीयों का एक ही डीएनए होता तो आर्य 

और अनार्य शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई ?

सिंधु घाटी सभ्यता का इतिहास यानी कि गलत है ?



 क्योंकि सिंधु घाटी सभ्यता को आर्यों ने आकर तबाह और बर्बाद कर दिया यहां तक की हरप्पा संस्कृति की लिपियों को भी गुमनाम कर दिया हरप्पा लिपि के शब्द आज भी भारत सहित कई देशों के म्यूजियम में संजोकर रखे गए हैं लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों ने इस तरह से बर्बाद किया कि वह लिपि आज तक नहीं पढ़ी जा सकी है । सभी जानते हैं इतिहास को जानने वाले की हरप्पा लिपि दाएं से बाएं की ओर लिखी जाती है लेकिन बाएं से दाएं कि ओर लिखने वाली भारतीय लिपि नहीं है। जीव वैज्ञानिकों का शोध ने यह साबित कर दिया है कि भारत में मध्य एशिया से आर्यों का प्रसारण भारत में हुआ है यूरोप यूनान रूस आदि क्षेत्रों से सबसे पहले आर्यों का आगमन मध्य एशिया में हुआ और वहां से धीरे धीरे प्रसारण भारत में हुआ ।काल निर्धारण के हिसाब से भारत में आर्यों का आने का समय लगभग 2000 ईसा पूर्व बताया जाता है ।मोहन राव मधुकरराव भागवत  पशु चिकित्सक कि पढाई कि है, भागवत ने वेटनरी कॉलेज नागपुर से पशु चिकित्सा की परीक्षा पास की है  और डीएनए का मामला जीव विज्ञान अर्थात मनुष्य से संबंधित है। मद्धेशिया से मानव प्रसारण की पुष्टि जीव विज्ञानियों के शोध से होती है मानव शरीर की रक्त कोशिकाओं में उत्पत्ति संबंधी संकेतों की खोज हुई है इन्हें डीएनए का नाम दिया जाता है उत्पत्ति संबंधी संकेत अनुवांशिक होते हैं और वह पुश्त दर पुश्त चलते रहते हैं विज्ञानियों के अनुसार कुछ खास तरह के संकेत मध्य एशिया के एक छोर से दूसरे छोर तक 8000 ईसा पूर्व के आसपास मिलते हैं इन उत्पत्ति संबंधी संकेतों का नाम m17 दिया गया है और यह मद्धेशिया के 40% से अधिक लोगों में मिलते हैं खोजने पर दिल्ली के 35% से अधिक हिंदी भाषा भाषियों में m17 मिला है पर द्रविड़ भाषा भाषियों में केवल 10% आबादी में मिला है इसी से स्पष्ट है कि हिंद आर्य भाषा भाषी मध्य एशिया से भारत पहुंचे ।जीव विज्ञानियों हिंद आर्य भाषा भाषियों के मध्य एशिया से भारत पहुंचने का समय 8000 ईसा पूर्व के बाद रखते हैं पर कोई तिथि निर्धारित नहीं करते हैं पुरातत्वीकों के अनुसार यह समय 2000 ईसा पूर्व से आरंभ होता है भाषा विज्ञानी भी हिंद आर्य भाषा भाषियों का भारत प्रवेश इसी समय के लगभग रखते हैं ।

मनोहर कुमार यादव 

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1 Comments

  1. सभी भारतीयों का डीएनए एक है वाला मोहन भागवत का बयान आर्यों को भारत के मूलवासी बताने एवं मूलवासी साबित करने की एक सोची समझी साजिश है।

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