दिसंबर 2018 में बिक्री लगभग 300 क्विंटल
धान का रह गया बकाया
शशि पाठक
टंडवा (चतरा) प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत सेरनदाग निवासी निशा रानी पति पवन कुमार साहु जिसका किसान कोड संख्या 203470034806 का गाडीलौंग धान उपार्जन केन्द्र में बिक्री किए गए धान का मूल्य भुगतान नहीं होने का आरोप लगाते हुए भुक्तभोगी महिला द्वारा उपायुक्त के जनता दरबार में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई गई है। विदित हो कि उक्त मामला वर्ष दिसम्बर 2018 का है जिसमें भुक्तभोगी ने 87.5 क्विंटल धान की बिक्री पैक्स के माध्यम से सरकार को की थी जिसमें 153125 (एक लाख तिरपन हजार क सौ पच्चीस रुपये) का भुगतान किया जाना था। दिलचस्प तथ्य तो यह है कि खाद्य आपूर्ति विभाग के भुगतान स्लिप में एक सप्ताह के अंदर राशि भुगतान कर देने की बातें अंकित हैं, बावजूद बकाया भुगतान अबतक नहीं हो सका है। आवेदन में बताया गया है कि पूर्व में भी कई बार प्रयास किया गया। वहीं अधिकारियों के आश्वासनों एवं कोरोना काल की अस्त-व्यस्तता के कारण उच्चाधिकारियों तक किसानों को अपनी बातें पहुंचाने में विलंब हो गया। हालांकि भुक्तभोगी महिला नें उपायुक्त द्वारा समुचित संज्ञान लेने के प्रति आश्वस्त दिखाई दी।वहीं मिली जानकारी के अनुसार सराढू गांव से ब्रजेश सिंह,कबरा गांव से गोपाल सिंह सहित अन्य किसानों का भी बकाया लंबित है।इस संदर्भ में गाडीलौंग पैक्स अध्यक्ष विजय गिरी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बकाया भुगतान नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। पैक्स के माध्यम से किसानों से क्रय किया गया धान चावल मिल को भेजा गया था जहां से मिल द्वारा सरकार को चावल उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण भुगतान लंबित रह गया। लगभग 300 क्विंटल धान का बकाया भुगतान नहीं हो सका है जिसपर विभागीय कार्रवाई जारी है, एक -दो माह के अंदर संभवतः भुगतान हो जाएगा।
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