करवा चौथ का पर्व सुहागन स्त्रियों अपने
अखंड सौभाग्य के लिए इस दिन गणेश
जी की आराधना कर अपने पति की दीर्घायु के
लिए निर्जल उपवास रखती है
करवा चौथ का पर्व सुहागन स्त्रियों अपने अखंड सौभाग्य के लिए इस दिन श्री गणेश जी की आराधना कर अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जल उपवास रखती है इस दिन वह चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति के हाथों से ही जल पीकर व्रत को संपूर्ण करती है। इस दिन का महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब हमारी पौराणिक कथाओं में इसका वर्णन मिलता है वैसे तो साल में बड़ी चौथ चार बार आती है । परंतु इस चौथ का महत्व इसलिए बड़ जाता है क्योंकि इस तिथि पर वीरावती नामक स्त्री ने अपने पति की दीर्घायु का आशीर्वाद चौथ माता से प्राप्त किया था। कार्तिक बदी की चौथ पर एक छोटी सी भी कथा प्रचलित है ।वीरावती नाम की स्त्री ने अपने पति के लिए व्रत रखा था क्योंकि वह अपने सात भाइयों की अकेली ही बहन थी और इकलौती होने के कारण उसकी भूख और प्यास उसके भाइयों के द्वारा देखी ना गई, क्योंकि उनकी बहन भूख और प्यास से व्याकुल होकर मूर्छित हो गई थी तब उन्होंने एक योजना बनाई और उस योजना बनाने के पश्चात उन्होंने जाली से दिए का प्रकाश चंद्रमा के रूप में दिखाकर वीरावती का व्रत खुलवा दिया। जैसे ही वीरावती ने अपना व्रत खोला उसके पति की मृत्यु का संदेशा उसके पास पहुंच गया अब वह बहुत दुखी होकर विलाप करने लगी और चौथ माता से प्रार्थना करने लगी माता मेरे व्रत में कौन सी भूल हुई है तो मुझे यह सजा मिली है। तब संयोग पूर्वक इंद्राणी देवी चौथ माता उसकी प्रार्थना सुन कर बोली कि तुमने यह व्रत बिना चंद्रोदय के अपना उपवास खोलने के कारण भंग कर दिया है और इसीलिए तुम्हें यह फल प्राप्त हुआ। पता अब तुम 12 माह की चौथ के व्रत व करवा चौथ का व्रत श्रद्धा पूर्वक भक्ति पूर्वक करो फलस्वरूप तुम्हारे पति के प्राण ईश्वर लौट आने की कृपा करेंगे ।तब इंद्राणी के वचन सुनकर वीरावती ने भक्ति पूर्वक 12 महा चौथ और करवा चौथ व्रत को बड़ी श्रद्धा के साथ पूर्ण किया और इस व्रत के प्रभाव से, उसका पति करवा चौथ की रात्रि में जीवित हो उठा तब से यह व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु अखंड सौभाग्य प्राप्ति हेतु करती है। इस पौराणिक कथा के अनुसार सभी स्त्रियां तब से ही हर वर्ष अपने पति के दीर्घायु के लिए यह व्रत निर्जल रहकर चंद्रमा को अर्ध देकर ही भोजन पानी ग्रहण करती है
प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश ग्वालियर
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