वार्षिक हङगङी पूजा उरांव
जनजातियों के लिए
ऐतिहासिक है :सुरेंद्र लिंडा
रांची : चडरी मौजा का चडरी गांव की हरमू स्थित चडरी मसना में उरांव जनजातियों के द्वारा वार्षिक हड़गड़ी पूजा किया गया। जिसमें पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार अपने अपने पूर्वजों को पूजा अर्चना की गई पूजा में पूर्वजों को उरद भात,धुस्का,पुआ,बरी सब्जी , तपोवन में हड़िया एवं हनी चुना फूल माला सिंदूर चढ़ाकर पूर्वजों को याद किया गया।अपने अपने पूर्वजों से आशीर्वाद एवं कामना की परिवार में सुख समृद्धि शांति बनी रहे। चडरी सरना समिति के प्रधान महासचिव सुरेंद्र लिंडा ने कहा कि वार्षिक हड़गड़ी पूजा उरांव जनजातियों के लिए यह पूजा एतिहासिक हैऔर ऐतिहासिक दिन है। इस परंपरिक हड़गडी पूजा को युवा पीढ़ी को आगे तक ले जाने की आवश्यकता है। यह पूजा उरांव जनजातियों के लिए पौष माह में सुनिश्चित है । इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चडरी सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा मुख्य सलाहकार कुमोद कुमार वर्मा शंकर लिंडा लालू लिंडा चीकू लिंडा अप्पू लिंडा आनंद लिंडा अनूप लिंडा राजा लिंडा नीरज लिंडा महेंद्र लिंडा गोलू मुंडा बंटी मुंडा एवं चडरी ग्राम के महिला एवं पुरुष उपस्थित थे।
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